अनुलोम विलोम करने के जबरदस्त फायदे | Anulom Vilom ke Fayde

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अनुलोम विलोम करने के फायदे | Anulom Vilom Benefits in Hindi 

अनुलोम विलोम प्राणायाम (Alternate Nostril Breathing) क्या आप जानते है की अनुलोम का मतलब होता है सीधा और विलोम का मतलब है उल्टा | जब हम अनुलोम करते है तो इसका मतलब है की हम अपनी दाहिनी नाक से सास लेते है और विलोम का अर्थ है हम अपनी बायीं नाक से सास बहार छोड़ते है| ठीक इसी तरह जब हम अपनी बायीं नाक से सास लेते है तो हम अपनी दाहिनी नाक से सास बहार की ओर छोडते है| इस पूरी प्रकिरिया को एक साथ अनुलोम विलोम कहा जाता है| 

यदि हम नियमित रूप से अनुलोम विलोम करते है तो इससे आपकी सभी नाड़ियों का शोधन होता है जिसका मतलब है की वे शुद्ध हो जाती है | प्रतिदिन अनुलोम विलोम का अभ्यास करने से वात, पित्त और कफ जैसे शारीरिक दोष को दूर करने में भी मदद मिलती हैं। 

अनुलोम विलोम करने का सही तरीका क्या है?

अनुलोम विलोम करना बेहद आसान होता है इसके लिए :

- सबसे पहले आप अच्छे से चौकड़ी मार कर बैठ जाये|

- इसके बाद अपनी अनामिका अंगुली से बाई नासिका को बंद कर दें|

- 2 -5 सेकंड रूक कर अपनी दाहिनी नासिका खोलें और सांस बाहर की ओरे छोड़ दें|

- अब अपनी दाहिने नासिका से ही गहरी सांस अंदर लें और उसी प्रक्रिया को दोहराते हुए बाई नासिका से सांस बाहर की ओरे छोड दें|

नोट- दूसरी बार में आप अपनी जिस नासिका से सांस छोड़ रहे हैं आपको उसी से दोबारा सांस को अंदर लेकर दूसरी नासिका से छोड़ना है|

अनुलोम विलोम करने के फायदे:

अनुलोम विलोम करने से आपका मन शांत होगा:

 अगर आप यह प्रणायाम को करेंगे तो इससे आपका मन शांत और स्थिर करने में सहायता मिलती है। यह मन को शांत करके आप को अन्ध्रूनी शान्ति का अहसास कराता है। यही नहीं यह प्राणायाम करने से आपकी एकाग्रता बढ़ती है साथ ही आपकी मेमोरी पावर भी बेहतर होती जाती हैं| 

 मस्तिष्क की कार्यकुशलता को बढ़ावा मिलता है:

 जब हम अनुलोम विलोम करते हैं तो यह हमारे मस्तिष्क में दोनों, बाए और दाएं, हिस्से में संतुलन बनाए रखने में भी बहुत सहायता करता है। इससे  हमारी आंकिक और तार्किक क्षमता में भी वृद्धि होती है, और साथ ही हमारी कार्यकुशलता भी बढ़ती है। ब्रेन शार्प हो जाता है और हम किसी भी काम को एकाग्रता से कर पाते हैं|   

अनुलोम विलोम करने से चेहरे पर ग्लो आता है: 

नियमित प्राणायाम को करने से फेस पर एक अलग ही तरह की चमक ओर गलोव आने लगता है। इसे करने से त्वचा की झुर्रियां और आँखों के नीचे के काले घेरे भी दूर करने में मदद मिलती है|

ये हमारे फेफड़ों के लिए बेहद फायदेमंद है:

यह हमारे फेफड़ों में फसी विषैली गेसों को निष्काषित करने में सहायता करता है। इससे फेफड़े स्वस्थ होते हैं और पूरी मात्रा में हवा अच्छे से ले पाते हैं। ताज़ी हवा के आने से शरीर तरो ताजा महसूस करता है।

अनुलोम विलोम से मानसिक तनाव कम होता है :

मानसिक तनाव को कम करने में भी अनुलोम विलोम बहुत ही फायदेमंद होता है। अगर नित्य रूप से इसे किया जाए, तो यह रक्त संचार को ठीक करके मानसिक तनाव को भी कम करता है।

यह प्राणायाम करने से वजन कम होता है:

वजन को नियंत्रित करने के लिए भी अनुलोम विलोम योगा आप कर सकते है। यह ब्रीथिंग एक्सरसाइज शरीर में जमी एक्स्ट्रा चर्बी या फैट की मात्रा को कम करने का काम करती है, जिससे आसानी से बढ़ते वजन पर काबू पाया जा सकता है | साथ ही इसे करने से कबज कि परेशानि भी दूर होती है|

मधुमेह के मरीजों के लिए फायदेमंद है अनुलोम विलोम:

 आपको बता दें कि एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, डायबिटीज के मरीजों को राइट नॉस्ट्रिल ब्रीथिंग एक्सरसाइज (Right nostril breathing) जिसे सूर्य भेदन प्राणायाम भी कहा जाता है उससे फायदा हो सकता है। यह भी प्राणायाम का ही हिस्सा है। खासकर टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों को डेली पांच से दस मिनट के लिए अनुलोम-विलोम का अभ्यास करना चाहिए|

खांसी, जुकाम, साइनस के लिये फायदेमंद : 

अगर आपको सर्दी, खासी, जुखाम या सायनस की परेशानी रहती है इसके अलावा दमा की परेशानी में भी अनुलोम-विलोम कर सकते हैं| इससे आपको काफी फायदा मिलेगा| कुछ ही महीने अनुलोम विलोम करने से यह परेशानियां खत्म हो सकती है| 

 अनुलोम विलोम करते समय इन बातों का ख्याल रखें: 

  • सुबह आठ बजे से पहले अनुलोम विलोम करने से ज्यादा फायदा मिलता है|
  • शाम की जगह सुबह करना जाना बेहतर होता है|
  • अनुलोम विलोम किसी जानकार के आगे ही करना चाहिए|
  • अनुलोम-विलोम का ज्यादा लाभ पाने के लिए अपने खान-पान पर भी ध्यान रखें।
  • यह जरूर सुनश्चित कर लें कि अनुलोम-विलोम करने के स्टेप सही हों।
  • गंभीर ह्रदय रोगी, रक्तचाप के रोगी डॉक्टर से कंसल्ट किये बिना इसका अभ्यास ना करे|
  • यदि कोई महिला मासिक धर्म चक्र से गुजर रही हो या प्रेगनेंट है तो इस स्थिति में उसे अनुलोम विलोम से परहेज करना चाहिए।
  • अनुलोम विलोम का अभ्यास करते समय बाहरी दुनिया की चीजों के बारे में न सोचें और पूरी एकाग्रता से सांसों पर ध्यान केंद्रित करें। इससे आपकी एकाग्रता बढ़ेगी। इस बात का विशेषरूप से ध्यान रखें।

उम्मीद है कि आप अनुलोम-विलोम के फायदे जान कर अब इसको प्रैक्टिस ज़रूर करेंगे| इससे करने में ज्यादा टाइम भी नहीं लगता बस रोजाना करना ज़रूरी है| बस 5 से 10 मिनट डेली करने से भी आपको कुछ ही हफ्तों में फरक नज़र आने लगेगा| पहली बार इस अभ्यास को करने वालों को थोड़ी तकलीफ हो सकती है, लेकिन आप प्रयास जारी रखें।

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